भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 96 | BNSS Section 96 in Hindi

Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 Section 96 in Hindi

  1. (1) जहां-

(क) किसी न्यायालय को यह विश्वास करने का कारण है कि वह व्यक्ति, जिसको धारा 94 के अधीन समन या आदेश या धारा 95 की उपधारा (1) के अधीन अपेक्षा संबोधित की गई है या की जाती है, ऐसे समन या अपेक्षा द्वारा यथा अपेक्षित दस्तावेज या चीज पेश नहीं करेगा या हो सकता है कि पेश न करे या

(ख) ऐसी दस्तावेज या चीज के बारे में न्यायालय को यह ज्ञात नहीं है कि वह किसी व्यक्ति के कब्जे में है; या

(ग) न्यायालय यह समझता है कि इस संहिता के अधीन किसी जांच, विचारण या अन्य कार्यवाही के प्रयोजनों की पूर्ति साधारण तलाशी या निरीक्षण से होगी,

वहां वह तलाशी-वारंट जारी कर सकता है और वह व्यक्ति, जिसे ऐसा वारंट निदिष्ट है, उसके अनुसार और इसमें इसके पश्चात् अंतर्विष्ट उपबंधों के अनुसार तलाशी ले सकता है या निरीक्षण कर सकता है ।

(2) यदि, न्यायालय ठीक समझता है, तो वह वारंट में उस विशिष्ट स्थान या उसके भाग को विनिर्दिष्ट कर सकता है और केवल उसी स्थान या भाग की तलाशी या निरीक्षण होगा तथा वह व्यक्ति, जिसको ऐसे वारंट के निष्पादन का भार सौंपा जाता है, केवल उसी स्थान या भाग की तलाशी लेगा या निरीक्षण करेगा, जो ऐसे विनिर्दिष्ट है ।

(3) इस धारा की कोई बात जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से भिन्न किसी मजिस्ट्रेट को डाक प्राधिकारी की अभिरक्षा में किसी दस्तावेज, पार्सल या अन्य चीज की तलाशी के लिए वारंट जारी करने के लिए प्राधिकृत नहीं करेगी ।

Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 Section 96 in English

  1. (1) Where—
    (a) any Court has reason to believe that a person to whom a summons order under section 94 or a requisition under sub-section (1) of section 95 has been, or might be, addressed, will not or would not produce the document or thing as required by such summons or requisition; or
    (b) such document or thing is not known to the Court to be in the possession of any person; or
    (c) the Court considers that the purposes of any inquiry, trial or other proceeding under this Sanhita will be served by a general search or inspection, it may issue a search-warrant; and the person to whom such warrant is directed, may search or inspect in accordance therewith and the provisions hereinafter contained.
    (2) The Court may, if it thinks fit, specify in the warrant the particular place or part thereof to which only the search or inspection shall extend; and the person charged with the execution of such warrant shall then search or inspect only the place or part so specified.
    (3) Nothing contained in this section shall authorise any Magistrate other than a District Magistrate or Chief Judicial Magistrate to grant a warrant to search for a document, parcel or other thing in the custody of the postal authority.

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