भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 83 | BNSS Section 83 in Hindi

Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 Section 83 in Hindi

  1. (1) यदि गिरफ्तार किया गया व्यक्ति वही व्यक्ति प्रतीत होता है जो वारंट जारी करने वाले न्यायालय द्वारा आशयित है तो ऐसा कार्यपालक मजिस्ट्रेट या जिला पुलिस अधीक्षक या पुलिस आयुक्त उस न्यायालय के पास उसे अभिरक्षा में भेजने का निदेश देगा:

परंतु यदि अपराध जमानतीय है और ऐसा व्यक्ति ऐसा जमानतपत्र देने के लिए तैयार और रजामंद है जिससे ऐसे मजिस्ट्रेट, जिला अधीक्षक या आयुक्त का समाधान हो जाए या वारंट पर धारा 73 के अधीन निदेश पृष्ठांकित है और ऐसा व्यक्ति ऐसे निदेश द्वारा अपेक्षित प्रतिभूति देने के लिए तैयार और रजामंद है तो वह मजिस्ट्रेट, जिला अधीक्षक या आयुक्त, यथास्थिति, ऐसा जमानतपत्र या प्रतिभूति लेगा और बंधपत्र उस न्यायालय को भेज देगा जिसने वारंट जारी किया था

परंतु यह और कि यदि अपराध अजमानतीय है तो (धारा 480 के उपबंधों के अधीन रहते हुए) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के लिए, या उस जिले के जिसमें गिरफ्तारी की गई है सेशन न्यायाधीश के लिए धारा 80 की उपधारा (2) में निर्दिष्ट जानकारी और दस्तावेजर्जी पर विचार करने के पश्चात् ऐसे व्यक्ति को छोड़ देना विधिपूर्ण होगा ।

(2) इस धारा की कोई बात पुलिस अधिकारी को धारा 73 के अधीन प्रतिभूति लेने से रोकने वाली न समझी जाएगी ।

Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 Section 83 in English

  1. (1) The Executive Magistrate or District Superintendent of Police or Commissioner of Police shall, if the person arrested appears to be the person intended by the Court which issued the warrant, direct his removal in custody to such Court:
    Provided that, if the offence is bailable, and such person is ready and willing to give bail bond to the satisfaction of such Magistrate, District Superintendent or Commissioner, or a direction has been endorsed under section 73 on the warrant and such person is ready and willing to give the security required by such direction, the Magistrate, District Superintendent or Commissioner shall take such bail bond or security, as the case may be, and forward the bond, to the Court which issued the warrant:
    Provided further that if the offence is a non-bailable one, it shall be lawful for the Chief Judicial Magistrate (subject to the provisions of section 480), or the Sessions Judge, of the district in which the arrest is made on consideration of the information and the documents referred to in sub-section (2) of section 80, to release such person on bail.
    (2) Nothing in this section shall be deemed to prevent a police officer from taking security under section 73.

Leave a comment

error: Content is protected !!