भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 97 | BNSS Section 97 in Hindi

Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 Section 97 in Hindi

  1. (1) यदि जिला मजिस्ट्रेट, उपखंड मजिस्ट्रेट या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट को इत्तिला मिलने पर और ऐसी जांच के पश्चात् जैसी वह आवश्यक समझे, यह विश्वास करने का कारण है कि कोई स्थान चुराई हुई संपत्ति के निक्षेप या विक्रय के लिए या किसी ऐसी आपत्तिजनक वस्तु के, जिसको यह धारा लागू होती है, निक्षेप, विक्रय या उत्पादन के लिए उपयोग में लाया जाता है, या कोई ऐसी आपत्तिजनक वस्तु किसी स्थान में निक्षिप्त है, तो वह कांस्टेबल की पंक्ति से ऊपर के किसी पुलिस अधिकारी को वारंट द्वारा यह प्राधिकार दे सकता है कि वह-

(क) उस स्थान में ऐसी सहायता के साथ, जैसी आवश्यक हो, प्रवेश करे:

(ख) वारंट में विनिर्दिष्ट रीति से उसकी तलाशी ले;

(ग) वहां पाई गई किसी भी संपत्ति या वस्तु को, जिसके चुराई हुई संपत्ति या ऐसी आपत्तिजनक वस्तु, जिसको यह धारा लागू होती है, होने का उसे उचित संदेह है, कब्जे में ले

(घ) ऐसी संपत्ति या वस्तु को मजिस्ट्रेट के पास ले जाए या अपराधी को मजिस्ट्रेट के समक्ष ले जाने तक उसको उसी स्थान पर पहरे में रखे या अन्यथा उसे किसी सुरक्षित स्थान में रखे;

(ङ) ऐसे स्थान में पाए गए ऐसे प्रत्येक व्यक्ति को अभिरक्षा में ले और मजिस्ट्रेट के समक्ष ले जाए, जिसके बारे में प्रतीत हो कि वह किसी ऐसी संपत्ति या वस्तु के निक्षेप, विक्रय या उत्पादन में यह जानते हुए या संदेह करने का उचित कारण रखते हुए संसर्गी रहा है कि, यथास्थिति, वह चुराई हुई संपत्ति है या ऐसी आपत्तिजनक वस्तु है, जिसको यह धारा लागू होती है।

(2) वे आपत्तिजनक वस्तुएं, जिनको यह धारा लागू होती है, निम्नलिखित हैं :-

(क) कूटकृत सिक्का

(ख) सिक्का निर्माण अधिनियम, 2011 के उल्लंघन में बनाए गए या सीमाशुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 11 के अधीन तत्समय प्रवृत किसी अधिसूचना के उल्लंघन में भारत में लाए गए धातु-खंड:

(ग) कूटकृत करेंसी नोट कूटकृत स्टाम्प :

(घ) कूटरचित दस्तावेज ;

(ङ) नकली मुद्राएं;

(च) भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 294 में निर्दिष्ट अश्लील वस्तुएं :

(छ) खंड (क) से (च) तक के खंडों में उल्लिखित वस्तुओं में से किसी के उत्पादन के लिए प्रयुक्त उपकरण या सामग्री ।

Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 Section 97 in English

  1. (1) If a District Magistrate, Sub-divisional Magistrate or Magistrate of the first class, upon information and after such inquiry as he thinks necessary, has reason to believe that any place is used for the deposit or sale of stolen property, or for the deposit, sale or production of any objectionable article to which this section applies, or that any such objectionable article is deposited in any place, he may by warrant authorise any police officer above the rank of a constable—
    (a) to enter, with such assistance as may be required, such place;
    (b) to search the same in the manner specified in the warrant;
    (c) to take possession of any property or article therein found which he reasonably suspects to be stolen property or objectionable article to which this section applies;
    (d) to convey such property or article before a Magistrate, or to guard the same on the spot until the offender is taken before a Magistrate, or otherwise to dispose of it in some place of safety;
    (e) to take into custody and carry before a Magistrate every person found in such place who appears to have been privy to the deposit, sale or production of any such property or article knowing or having reasonable cause to suspect it to be stolen property or, as the case may be, objectionable article to which this section applies.
    (2) The objectionable articles to which this section applies are—
    (a) counterfeit coin;
    (b) pieces of metal made in contravention of the Coinage Act, 2011, or brought into India in contravention of any notification for the time being in force issued under section 11 of the Customs Act, 1962;
    (c) counterfeit currency note; counterfeit stamps;
    (d) forged documents;
    (e) false seals;
    (f) obscene objects referred to in section 294 of the Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023;
    (g) instruments or materials used for the production of any of the articles mentioned in clauses (a) to (f).

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